कुश्ती फेड्रेसन कि गरिमा खतरे मे ?
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17 मई 2022 को कुश्ती इतिहास मे एक सर्मनाक घटना हुआ , जिसमे एक पहलवान सतेंद्र मल्लिक कामन वेल्थ खेल के ट्रायल के दौरान रेफरी जगबीर सिंह के उपर हमला कर दिया। उसके तुरंत बाद फेड्रेसन ने सतेंद्र मल्लिक पर अजीवन पबंधी लगा दिया।
ये घटना सुरुआत मे जितना सिधा दिख रहा था, कुछ समय गुजरते ही उसमे अलग अलग पहलु सामने आने लगे। उंगलिया रेफरी जगबीर सिंह पर भी उठने लगा। क्योंकी सोसल मिडीया पर वैरल हो रहा विडीयो मे साफ दिख रहा है कि पहले थप्पड़ रेफरी जगबीर सिंह ने मारा था। उसके बाद पहलवान सतेंद्र मल्लिक ने हाथ उठाया। और फेड्रेसन बहुत जल्द बाजी मे अपना फैसला सुना दिया।
उसके बाद लोगो का सतेंद्र मल्लिक के प्रती समर्थन बड़ने लगा। कुछ ने अपने तर्क मे इतना तक कहा कि फेड्रेसन साजिश के तहत भी खिलाड़ीयों का खेल जीवन खराब कर देते है। फेड्रेसन के उपर लोगो ने पछ – पात का भी अरोप लगाया।
इतना तो तय है की भारतीय कुश्ती जगत दुध का धुला नही दिख रहा। लघभघ एक साल पहले पहलवान सुशील कुमार का नाम मफिया के साथ जुड़ा था , जिसमे फेड्रेसन बहुत दिनो तक चुप्पी साधा रहा। फिर मनमानी के तहत सुशील कुमार और उसके गिरोह ने छत्रशाल इस्टेडियम मे सागर धनकड़ के उपर हमला कर दिया, जिसके वजह से सागर धनकड़ कि जान चली गयी। उस गुनाह के लिये सुशील कुमार आज भी सलाखो के पिछे सजा काट रहा है।
और अब ये सतेंद्र मल्लिक का मामला , जो दर्साता है की फेड्रेसन के उपर आंख बंद करके भरोसा नही कर सकते , उनपर भी नजर रखा जाना चाहिये। जांच सतेंद्र मल्लिक के साथ रेफ्री जगबीर सिंह का भी होना चाहिये , और फेड्रेसन को जावाब देना चाहिये की आजीवन पाबंधी जैसे सख्त फैसले इतनी जल्द बाजी मे क्यों लेना पड़ा ? , क्योंकि एक खिलाड़ी बनने मे लोगो को सालो लग जाते है, और उस खिलाड़ी का जिंदगी एक पल मे ऐसे ही बरबाद नही किया जा सकता।