श्री.विशाल जॉली, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य-भा°ज°पा ने भारत सरकार से नई दिल्ली में जीएसटी के ढांचे से “सुपारी” को हटाने का अनुरोध किया ।
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Report : Venkateswar Rao
दिनाक 07 दिसम्बर 2023 को श्री.विशाल जॉली, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य-भा°ज°पा ने माननीय श्रीमती शभा करंदलाजे जी माननीय कृषि और किसान मामलों के राज्य मंत्री,से मूलाकत किया। भारत सरकार से नई दिल्ली में जीएसटी के ढांचे से “सुपारी” को हटाने और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इसे राज्य फसल के रूप में घोषित करने के लिए एक विशेष अनुरोध किया।
श्री. जॉली ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सुपारी यानी सुपारी एक प्रमुख कृषि उपज है जिसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 80% किसान उगाते और बेचते हैं। ये किसान पूरी तरह से उसी की वृद्धि और बिक्री पर निर्भर हैं और हमारे द्वीपों की कृषि अर्थव्यवस्था काफी हद तक सुपारी पर निर्भर है।
उन्होंने आगे बताया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह चक्रवातों से ग्रस्त है और हमें साल में लगभग 8-9 महीने भारी बारिश का सामना करना पड़ता है। अधिकांश चक्रवाती दबाव हमारे क्षेत्र से उत्पन्न होते हैं और उपरोक्त जलवायु परिस्थितियों के कारण मौसम की स्थिति काफी हद तक हमारे किसानों के लिए उपयुक्त नहीं रहती है।
ऐसे मौसम की स्थिति के कारण किसानों को फसलों का भारी नुकसान होता है और सुपारी राज्य की फसल नहीं होने के कारण उन्हें क्षतिग्रस्त फसलों का कोई मुआवजा नहीं मिलता है।
इसके अलावा, हमारे किसान सूखी सुपारी पर भारी माल और बिक्री कर (जीएसटी) का भुगतान करते हैं जिससे उनकी पीड़ा और भी बढ़ जाती है।
सुपारी एक ऐसी चीज़ है जिस पर हमारे 80% किसानों के परिवार निर्भर हैं, जिनमें कम से कम 1.5 से 2 लाख लोग शामिल हैं यानी हमारे द्वीपों की कुल आबादी का लगभग 40%।
इन तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए, श्री जॉली ने माननीय मंत्री से हमारे द्वीपों के किसानों के व्यापक हित में, सुपारी को हमारी राज्य फसल घोषित करने और इसे जीएसटी के दायरे और दायरे से हटाने का आग्रह किया।
माननीय मंत्री ने श्री द्वारा बताए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया। विशाल जॉली से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि इस संबंध में सभी सकारात्मक कदम जल्द से जल्द उठाए जाएंगे।