आप लोग अक्सर समाचारो मे सुनते होंगे के कुछ दिनो से धार्मिक आस्था के चोट पर बहुत अधीक विवाद उतपन्न हुआ , जिसकी वजह से देश मे धर्म के नाम पर दो कत्ल भी हो गए ।  नुपूर शर्मा का विवाद ठंडा भी नही हुआ था कि लीना मणिमेकलई कि फिल्म “काली” का पोस्टर विवादो मे छा गया , जिसमे काली माँ को सिग्रेट पिते हुए दिखाया गया।

इस विवाद मे लीना मणिमेकलई माफी मांगने के बजाय एक के बाद एक विवादीत ट्वीट किए।  और जब TMC  के सांसद महुआ मोइत्रा ने लीना मणिमेकलई के समर्थन मे एक और विवादीत बयान दिया तो माहोल और भी गरमा गया।

आज देश मे धार्मिक हालात बहुत ही तनावपुर्ण बना हुआ है, जैसे कभी भी कु्छ भी हो सकता है।   इन सब विवादीत बयानो और टिप्पिणीयों के वजह से लोगो मे गुस्सा भरा हुआ है।  इसी गुस्से का एक झलक कल दिनांक  12  जुलाई  2022 डिगलीपुर मे देखने को मिला , जहां गौ हत्या का एक मामला सामने आया और वहां के हिंदु समुदाय के लोगो ने विरोध के नाम पर एक दुकान मे जमकर तोड़ फोड़ किया।  सारे समानो को तोड़कर बाहर ढेर लगा दिया।  सुत्रो से पता चला है की पहले दुकान मालिक और स्थानीय लोगो के बिच मे कहा सुनी हुई , जब बहस चरम सिमा तक पहुंचा तो मार पिट और तोड़ फोड़ मे तब्दील हो गया।

येहां सवाल ये है की, क्या जो बार बार हिंदुओ पर सहिष्णुता का पर्चा चिपका दिया जाता है वो सहिष्णुता धिरे धिरे असहिष्णुता मे बदल रहा है!? , क्योंकी हर चिज का एक सिमा होता है, और इसी तरह सहिष्णुता का भी एक सिमा है। सिर्फ एक समुदाय से हमेसा किसी एक चिज का अपेछा नही किया जा सकता।  सब जानते है की गौ हिंदु आस्था का एक प्रतीक है, इसी संधर्भ मे प्रशासन को भी अण्डमान मे गौ हत्या पर संग्यान लेना चाहिए।

येहां सवाल ये भी उठता है की जो अण्डमान अपने शांती और मेल मिलाप के लिए प्रसिद्ध है वहां अब क्या मुख्य भुमी के विवादो का असर हो रहा है!?

जो भी हो, चाहे अण्डमान हो या मुख्य भुमी , धार्मिक उनमाद कहिं के लिए ठिक नही है।  हर धर्म के लोगो को एक दुसरे के धर्मो का आदर और सत्कार करना चाहिए और कानून का पालन करना चाहिए।  मुख्य भुमी के नेताओ को भी अपने बयानो पर नियंत्रण रखना चाहिए, वोट बैंक कि राजनिती मे धार्मिक उनमाद फैलाने और धार्मिक ठेस पहुंचाने का अधिकार किसी को भी नही है।

अण्डमान के निवासियों को आपस मे भाई चारा बनाए रखना चाहिए , कानून का पालन करना चाहिए चाहे हालात कैसे भी हो।  अगर कोई विवाद हो भी जाए तो कानून का पालन करते हुए उस विवादे को सुलझाना चाहिए।

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