रंगत मे कन्हैया लाल का सोक सभा जिसमे लोगो ने आतंकियो और उनके समर्थको पर अपना गुस्सा जताया।
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राजस्थान के उदयपुर में नुपूर शर्मा के समर्थन में मोबाइल स्टेट्स लगाने पर टेलर कन्हैया लाल की मंगलवार 28 जुन 2022 को दो अतंकी मोहम्मद रियाज अक्तर और मोहम्मद गोश द्वारा जघन्य तरिके से हत्या कर दी गई। उसके बाद पुरी हत्या का विडियो बनाकर सोसल मिडीया पर वाएरल किया गया। जिसे देखकर पुरे भारत मे आतंकियो को लेकर गुस्सा छा गया।
दोनो आरोपियों को पकड़ लिया गया है और उन्हे दिल्ली भेज दिया गया है , केस का छान बीन NIA द्वारा किया जा रहा है। सुरुआती छान बीन मे पता चला है की दोनो अरोपियों का सम्बन्ध पाकिस्तान आतंकी संघठन से है , दोनो पहले पाकिस्तान जा चुके है और वहां से ट्रेनिंग भी लिए थे।
इसी उपरांत दिनांक 30 जुन 2022 को विश्व हिन्दू परिषद रंगत द्वारा रंगत मे कन्हैया लाल के लिए एक शोक सभा रखा गया। विश्व हिन्दू परिषद रंगत के सचिव श्री सेंदील कुमार जी ने कन्हैया लाल के फोटो पर माल्यार्पण की , और इस घटना के बारे मे लोगो को बताया। इसके साथ कई लोगो ने अपने भासण मे इस जघन्य आतंकी घटना पर अपना आक्रोश प्रकट किया।
इस तरह का अतंकी हमला हमारे देश मे कोइ नया नही है ,लेकिन बेखौफ कत्ल का विडीयो बनाकर सोसल मिडीया पर वायरल करना ये बहोत ही जघन्य माना जा रहा है। जिस जिस ने कत्ल का विडीयो देखा वो रोश से भर गया , लेकिन इस देश मे कुछ ऐसे लोग भी है जो एक कौम के होते हुए उस विडीयो पर अपना खुसी जाहीर कर रहे है। और कुछ लोग उस हत्या को उचीत साबित करने का प्रयास कर रहे है।
Dear @KolkataPolice, @KPNorthDiv
This person is celebrating brutal killing of Kanhaiya Lal in Udaipur & inciting violence with Sar Tan Se Juda slogan
Account is operating from Kolkata, West Bengal
Username: @HaidarR01989103
Archive link: https://t.co/UmjxBii7xoCC: @WBPolice pic.twitter.com/BB6YS4p6ok
— Anshul Saxena (@AskAnshul) June 29, 2022
ट्वीटर और फेसबुक पर ऐसे कितने ही एकाऊंट मिले जिसने इस हत्या पर खुसी मनाया या न्यायोचीत ठहराया। लेकिन येहां सवाल ये है की कोइ भी किसी भी कौम या धर्म का क्यों न हो, कैसे इस तरह के जघन्य हत्या पर खुसी जाहीर कर सकता है, क्या इंसानियत खतम हो रहा है!?
इसी कारण हर बार अतंकवाद को लेकर एक कौम को निशाना बनाया जाता है , और उस कौम को अक्सर अपने अपने सफाई मे कहना पड़ता है की “आतंकवाद का कोइ धर्म नही होता”। लेकिन समाज मे अगर कोइ परीवार का एक सदस्य कोइ गुनाह करता है तो सबसे पहले उस परिवार को ही विरोध करना चाहिए। लेकिन दुखद है की भारत के उस कौम ने हमेसा सिर्फ आतंकवाद से पल्ला झाड़ा है। कभी कभार कुछ लोग आकर सिर्फ निंदा करके चले जाते है। कभी खुलकर आतंकवादियों का विरोध नही किया। कभी आतंकियों के विरोध मे सड़को पर नही उतरे। बल्की अक्सर देखा जाता है कि इस तरह के आतंकी उसी समाज से पकड़े जाते है , कभि कभि तो मद्रसे और मस्जीदो से भी पकड़े जाते है। हाल ही मे दो आतंकी कर्नाटक के एक मस्जीद से पकड़े गए थे।
First, the tailor was not innocent. He supported the blasphemy done by Nupur Sharma. He was a potential terrœrist.
Second, this would not have happened had the police acted on time and punished him. If you don't do justice, obviously people wil take the law into their own hands.
— Ramy (@Rammyyyyy_) June 28, 2022
अगर इसी तरह एक कौम आतंकियों को लेकर अपना चुप्पी साधकर उनका मौन समर्थन करता रहेगा तो कैसे दुसरे धर्म वाले उनपर अपना भरोसा जताएंगे !? ,
अब समय आ गया है कि उस कौम को समाज मे आगे आकर आतंकवाद का दिल से विरोध करना चाहिये , अगर नही करेंगे तो समाज मे हमेसा आतंकवाद को एक धर्म से जोड़कर देखा जाएगा , और समाज मे नफ्रत फैलेगा जो की सबसे ज्यादा नुकसानदायक उसी कौम के लिये है। क्योंकी सच है की आतंकी हमले मे कुछ मासुमो को जान गवाना पड़ता है,लेकिन उस आतंकी हमला के बाद जो नफ्रत के कारण से दंगे होते है उसमे सैकड़ो मासुमो को अपना जान गवाना पड़ता है जो कि अधिकांस लोग उसी कौम के होते है। और उस कौम पर हर बार सवालिया निसान उठ जाता है।