प्रकृति की गोद मे अंदमान
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शोर से दुर, प्रकृति की गोद मे, जहां नीला सागर भी हरियाली का कदम चुमता है,
जहां गिरता हुआ शीतल जल धरती का प्यास बुझाता है।
मै वहां रहता हुं जहां वर्षा भि कभी महीनो मे भेद भाव नहीं करता,
जी करे तो दिसंबर के माह मे भी बरस पड़ता है।
मै वहां रहता हुं जहां नीचे के घर मे बंगाल तो उपरी मंजील पर पंजाब रहता है ,
बगल वाले घर मे UP तो सामने वाले घर मे तमिल नाडु रहता है।
मै वहां रहता हुं जहां धर्मनिरपेक्षता का नाटक नही चलता ,
जहां कट्टरपंथियों का कोइ औकात नही चलता।
मै वहां रहता हुं जहां ईद पर अब्दुल के घर से सेवईयां और दीपावली पर हमारे घर से लड्डू भेजे जाते है।
मै वहां रहता हुं जहां सादियों मे जात मिले या न मिले, भासा मिले या न मिले,
लेकिन खाने मे चिकन और पुलाव का हमेसा मिलाप होता है।
मै वहां रहता हुं जहां कहीं भी चला जाऊं हर तरफ हमारे अपने ही मिलते है।
मै भारत से दूर एक छोटे से भारत मे रहता हूं , हां मै अंदमान मे रहता हूं।
निचे दिए वीडि्यो को देखिये, जिसमे अंदमान के मनमोहक स्थानो को दिखाया गया है।
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