आपने सुना होगा की राहुल गान्धी जी केरल मे जाकर अप्ने भाशन मे कहते है कि दक्षिन भारत के लोगो मे उत्तरी भारत के लोगो के अपेक्षा ज्यदा मुद्दो कि जानकारी है। राहुल जी वही है जो सालो तक अमेठी से सान्सद रहे। क्या अमेठी उत्तर भारत मे नही है? , क्या अमेठी के लोग बीना मुद्दो की जानकरी मे ही उन्हे सान्सद बनाया था?
देखा जाये तो ये बयान देस को विभाजीत करने वाला और उत्तरी भारत के लोगो का अपमान करने वाला है। इस्पर सवाल ये उठता है कि क्या उत्तर के लोग अगर राहुल गन्धी जी को और कोन्ग्रेस को नकार दिया तो क्या उत्तर के लोग रहुल जी के लीये खराब हो गये !!
सवाल ये भी उठता है कि अगर कल केरल के लोग उन्हे और उनके पारटी को नकार दे तो क्या केरल के लोग भी उनके लिये खराब हो जायेंगे, और कहीं और जाकर अपने भाशन मे कहेंगे कि ” हम तो अक्षे है, लेकिन केरल के लोगो को ही मुद्दो की जानकारी नही है। “!?
चुनाव मे जीत और हार लगी रहती है , हर देस और राज्य के लोग अपना मत मुद्दो और विकास के लिये करते है। जनता को अगर लगता है कि ये उमीदवार हमारा विकास करेगा तो वो उसे अपना मत देते है , अगर उन्हे लगता है कि ये उमीदवार इतने सालो तक सत्ता मे रहते हुये भी हमारा वीकास नही किया तो वो अपना मत उसे नही देते। इसलिये येहां नेताओ को अपना मंथन करना चाहिये बजाये जनता का।